शिक्षा के रास्ते मिलेगी कामयाबी की मंजिल
(प्रवीण कक्कड़) स्कूलों में नया सत्र शुरू हो गया है। बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए सरकारी मशीनरी गांवों और बस्तियों तक पहुंचकर हर बच्चे को स्कूल में प्रवेशित करने के प्रयास में लगी है। देश के हर बच्चे का शिक्षा पाना वाकई बहुत जरूरी है, क्योंकि शिक्षा वह शक्तिशाली हथियार है, जिसका उपयोग दुनिया को बदलने के लिए किया जा सकता है। इसलिए हम सबकी जिम्मेदारी है कि लक्ष्य की ओर बढ़ने वाले उम्मीदों के हर कदम को हम शिक्षा की राह दिखाएं। जिससे उनका भविष्य सुनहरा हो सके। यह खुशी की बात है कि हमारे देश के करीब 7 करोड़ बच्चे प्री प्रायमरी और प्रायमरी स्कूलों में जाते हैं लेकिन शिक्षा के लिए अभी ओर उचांईयों पर पहुंचना बाकी है। क्योंकि देश में 6 से 14 साल की आयु वर्ग के 60 लाख से अधिक बच्चे स्कूल नहीं जाते। पहली कक्षा में प्रवेश लेने के बाद 37 प्रतिशत बच्चे प्रारंभिक शिक्षा भी पूरी नहीं कर पाते और हाईस्कूल तक पहुंचते हुए तो यह संख्या चिंताजनक हो जाती है। स्कूल नहीं जाने वाले और स्कूल के बीच पढ़ाई छोड़ने वाले 75 फीसद बच्चे देश के छह राज्यों से आते हैं, इनमें से मध्यप्रदेश भी एक है। अन्य राज्यों में बि...