तरक्की का मूल मंत्र है “आत्म- अनुशासन”
(प्रवीण कक्कड़) मनुष्य के जीवन में उसके व्यक्तित्व निर्माण में बहुत से गुण अपनी भूमिका निभाते हैं। इन सारे गुणों में अनुशासन सर्वोपरि है, क्योंकि अनुशासन के अभाव में सद्गुण के भी दुर्गुण बनते देर नहीं लगती लेकिन अनुशासन से भी बड़ी उपलब्धि है आत्मानुशासन। अनुशासन तो व्यवस्था या दूसरे व्यक्ति द्वारा बनाए जाते हैं, जो किसी भी व्यवस्था के संचालन के लिए सभी पर सामूहिक रूप से लागू होते हैं, जबकि आत्म- अनुशासन व्यक्ति खुद अपने ऊपर लागू करता है। दुनिया भर के कुछ सबसे सफल लोग आत्म-अनुशासन का अभ्यास करते हैं। वे दावा करते हैं कि जीवन में उन्हें तरक्की दिलाने में मुख्य भूमिका आत्म-अनुशासन की है। उन्होंने बड़ी शुरुआत नहीं की लेकिन आत्म- अनुशासन के साथ उन्होंने छोटे बदलाव किए और वे उच्च पदों पर पहुंच गए। नियमित जीवन में छोटे-छोटे बदलाव जैसे कि हर दिन एक ही समय पर सोना और जागना, स्वस्थ भोजन करना, व्यायाम करना और लक्ष्य निर्धारित करने से आत्म- अनुशासन प्राप्त करने में मदद मिल सकती है। जीवन के इन छोटे-छोटे लक्षणों से भारी अंतर आ सकता है और यह व्यक्ति को आत्म- अनुशासन का जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित क