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गिर रहा भूजल स्तर: जागरूकता के साथ प्रयास जरूरी

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( प्रवीण कक्कड़ ) भारत में भूजल स्तर में गिरावट एक प्रमुख चिंता का विषय है क्योंकि यह पेयजल का प्राथमिक स्रोत है। भारत में भूजल की कमी के कुछ प्रमुख कारणों में भूजल का अत्यधिक दोहन , शहरीकरण और जलवायु परिवर्तन शामिल हैं। भारत के   केंद्रीय भूजल बोर्ड  (Central Ground Water Board- CGWB) के अनुसार , भारत में उपयोग किये जाने वाले कुल जल का लगभग 70% भूजल स्रोतों से प्राप्त होता है। CGWB का यह भी अनुमान है कि देश के कुल भूजल निष्कर्षण का लगभग 25% असंवहनीय है , यानी पुनर्भरण की तुलना में निष्कर्षण दर अधिक है। समग्र रूप से , भारत में भूजल की कमी एक गंभीर समस्या है। भूजल यानी धरती के भीतर का पानी , जिसे हम पंप से खींचते हैं , हैंडपंप से निकालते हैं , या गहरा बोर करके निकालते हैं। प्रदेश के बहुत से इलाकों में भूजल का स्तर लगातार नीचे गिरता जा रहा है , खासकर शहरों की कालोनियों में तो पानी बहुत तेजी से गिर रहा है। औद्योगिक इलाकों का हाल इससे भी बुरा