दीप जलाकर मन को जगाओ
- इस दीपावली अंदर से भी जगमगाओ (प्रवीण कक्कड़) आओ इस दीपावली अंदर से भी जगमगाएं, दीप जलाकर मन को भी जगाएं। दीपावली का त्योहार सिर्फ रोशनी का पर्व नहीं है, बल्कि यह हमारे अंदर के अंधकार को दूर करने और आत्मज्ञान जगाने का भी पर्व है। हम सभी को अपने अंदर के दीपक को जलाना चाहिए। हम सभी के जीवन में उतार.चढ़ाव आते रहते हैं लेकिन हमें कभी भी निराश नहीं होना चाहिए। हमें हमेशा उम्मीद रखनी चाहिए और आगे बढ़ने का प्रयास करना चाहिए। इस दिवाली अंधकार से निकलकर उजाले की ओर बढ़ें। सारे त्योहारों का हमारे जीवन में बहुत गहरा महत्व है। यह सारे त्यौहार हमारी सभ्यता और संस्कृति में इस तरह से रचे बसे हैं कि असल में इन्हीं के माध्यम से समरस समाज का निर्माण होता है। हमारे त्यौहार सांस्कृतिक एकता की सबसे बड़ी धरोहर होने के साथ ही अर्थव्यवस्था का पहिया भी हैं। दीपावली के पर्व पर भगवान राम रावण का वध करके अयोध्या वापस आते हैं, जहां सारे नर नारी दीप जला कर उनका स्वागत करते हैं। इसीलिए यह दीपोत्सव है। दीपावली हमें सिखाती है कि अंधकार हमेशा के लिए नहीं रहता। थोड़ी सी मेहनत और लगन से हम अपने जीवन के किसी भी अंधकार क