प्रकृति की गोद में सेहत से संवाद

- एक सप्ताह प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र में मेरी यात्रा (प्रवीण कक्कड़) पिछले सात दिन मैंने पुणे के पास स्थित प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र में बिताए। यह अनुभव सिर्फ एक अवकाश नहीं था, बल्कि मेरे शरीर, मन और आत्मा के लिए एक गहन जागृति थी। पहाड़ी से घिरे इस शांत और हरे-भरे परिवेश ने मुझे तुरंत अपने भीतर की शांति से जोड़ दिया। मुलशी झील के किनारे, प्राकृतिक सौंदर्य के बीच आत्मांतन केंद्र की ताजी हवा और उच्च-ऊर्जा वाला वातावरण तनाव को तुरंत दूर कर देता है। एक सप्ताह बाद, मैं खुद के एक नए, अधिक ऊर्जावान और शांत स्वरूप को महसूस कर पा रहा हूँ। यह अनुभव किसी लक्जरी वेकेशन से बढ़कर, स्वास्थ्य के प्रति एक गहरी प्रतिबद्धता और आत्म-खोज का सफर था, जिसमें मैंने अपनी सेहत से संवाद किया। प्राकृतिक चिकित्सा: शरीर, मन और आत्मा का सामंजस्य आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम अक्सर अपने शरीर की जरूरतों को अनदेखा कर देते हैं। तनाव, थकान, पाचन संबंधी समस्याएं और अनिद्रा जैसी शिकायतें आम हो गई हैं। ऐसे में, प्राकृतिक चिकित्सा (नेचुरोपैथी) एक वरदान साबित होती है। यह कोई शौक या विलासिता नहीं, बल्कि "अंतर्मुखी जागर...