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सावन: भक्ति का प्रवाह और आत्म-परिवर्तन का महायोग

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हरियाली का उत्सव : प्रकृति की गोद में नवजीवन का संकल्प (प्रवीण कक्कड़) सावन का महीना दस्तक दे चुका है, और इसके साथ ही प्रकृति ने हरियाली की चादर ओढ़ ली है। रिमझिम फुहारें, मिट्टी की सौंधी खुशबू और हवा में घुली ताजगी सिर्फ मौसम का बदलाव नहीं, बल्कि आध्यात्मिक चेतना के जागरण का भी संकेत है। यह वो पावन समय है जब हर कण भगवान भोलेनाथ महादेव की भक्ति में लीन हो जाता है, और उनकी आराधना का विशेष महत्व होता है। सावन हमें सिर्फ भक्ति में डूबने का ही नहीं, बल्कि जीवन को गहरे अर्थों में समझने और स्वयं को बेहतर बनाने का एक स्वर्णिम अवसर देता है। सावन हमें जीवन के बीज बोने का पहला और सबसे महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है। प्रकृति की नम मिट्टी और जीवनदायी वर्षा इस समय को पौधारोपण के लिए सर्वोत्तम बनाती है। एक छोटा-सा पौधा, जिसे आप आज रोपित करते हैं, वह भविष्य में एक विशाल छायादार, फलदार या फूलदार वृक्ष बन सकता है। यह हमें सिखाता है कि कैसे आपके छोटे-छोटे प्रयास भी दीर्घकाल में बड़ी उपलब्धियां, गहरा सुकून और स्थायी खुशियां प्रदान कर सकते हैं। यह सिर्फ पेड़ लगाना नहीं, यह भविष्य के लिए निवेश है, प्रकृति ...

स्कूली बस्ता: सिर्फ किताबों का नहीं, सपनों और संभावनाओं का पिटारा

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हर बच्चा स्कूल जाए यह हम सबकी जिम्मेदारी  (प्रवीण कक्कड़) नया स्कूल सत्र शुरू हो चुका है, और एक बार फिर स्कूल के गलियारों में बच्चों की हंसी गूँज रही है। यह केवल एक नया अकादमिक वर्ष नहीं, बल्कि लाखों उम्मीदों और सपनों का आगाज़ है। शिक्षा वह सबसे शक्तिशाली हथियार है, जिससे हम दुनिया को बदल सकते हैं। यह हर बच्चे का अधिकार है, और हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम इस अधिकार को हकीकत में बदलें। शिक्षा एक बच्चे के भविष्य की नींव होती है। यह उसे ज्ञान, कौशल और सोचने-समझने की शक्ति देती है। यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन प्लस (UDISE+) 2023-24 के आंकड़ों के अनुसार, भारत के स्कूलों में कुल 24.8 करोड़ छात्र नामांकित हैं। यह जानकर खुशी होती है कि शिक्षा तक पहुंच में काफी वृद्धि हुई है। 6-14 आयु वर्ग के बच्चों के लिए समग्र स्कूल नामांकन दर लगभग 20 वर्षों से 95% से अधिक बनी हुई है, और 2024 में यह 98.1% थी। हालांकि, अभी भी एक लंबी दूरी तय करनी है। UDISE+ 2023-24 के आंकड़ों के अनुसार, 6-17 वर्ष आयु वर्ग के लगभग 4.74 करोड़ बच्चे स्कूल से बाहर हैं। यह संख्या बताती है कि बड़ी संख्...

प्रकृति की गोद में सेहत से संवाद

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- एक सप्ताह प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र में मेरी यात्रा (प्रवीण कक्कड़) पिछले सात दिन मैंने पुणे के पास स्थित प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र में बिताए। यह अनुभव सिर्फ एक अवकाश नहीं था, बल्कि मेरे शरीर, मन और आत्मा के लिए एक गहन जागृति थी। पहाड़ी से घिरे इस शांत और हरे-भरे परिवेश ने मुझे तुरंत अपने भीतर की शांति से जोड़ दिया। मुलशी झील के किनारे, प्राकृतिक सौंदर्य के बीच आत्मांतन केंद्र की ताजी हवा और उच्च-ऊर्जा वाला वातावरण तनाव को तुरंत दूर कर देता है। एक सप्ताह बाद, मैं खुद के एक नए, अधिक ऊर्जावान और शांत स्वरूप को महसूस कर पा रहा हूँ। यह अनुभव किसी लक्जरी वेकेशन से बढ़कर, स्वास्थ्य के प्रति एक गहरी प्रतिबद्धता और आत्म-खोज का सफर था, जिसमें मैंने अपनी सेहत से संवाद किया।  प्राकृतिक चिकित्सा: शरीर, मन और आत्मा का सामंजस्य आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम अक्सर अपने शरीर की जरूरतों को अनदेखा कर देते हैं। तनाव, थकान, पाचन संबंधी समस्याएं और अनिद्रा जैसी शिकायतें आम हो गई हैं। ऐसे में, प्राकृतिक चिकित्सा (नेचुरोपैथी) एक वरदान साबित होती है। यह कोई शौक या विलासिता नहीं, बल्कि "अंतर्मुखी जागर...

योग से चेतना, संगीत से समरसता

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      अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस और विश्व संगीत दिवस पर विशेष (प्रवीण कक्कड़) 21 जून, सिर्फ़ एक तारीख़ नहीं, बल्कि आत्म-साक्षात्कार और वैश्विक सामंजस्य का एक पर्व है। यह दिन दो शक्तिशाली माध्यमों को समर्पित है अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस और विश्व संगीत दिवस। योग, जो हमें अपनी आंतरिक शक्ति से जोड़ता है, और संगीत, जो हमें पूरे ब्रह्मांड से। आधुनिक मनोविज्ञान और न्यूरोबायोलॉजी अब प्रमाणित करते हैं कि संगीत और योग दोनों मिलकर अवसाद, चिंता, उच्च रक्तचाप और नकारात्मक विचारों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाते हैं। इनका संयोजन हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए एक शक्तिशाली युगल है। योग: सिर्फ़ व्यायाम नहीं, एक जीवनशैली क्रांति योग कोई क्षणिक फ़ैशन नहीं है; यह भारत की हज़ारों वर्षों पुरानी आध्यात्मिक विरासत है। यह केवल शरीर को स्वस्थ रखने की प्रक्रिया नहीं, बल्कि मन को शांत, आत्मा को मुक्त और जीवन को व्यवस्थित करने की एक संपूर्ण प्रणाली है। 21 जून को जब पूरी दुनिया सूर्य की ऊर्जा से सराबोर होती है, उसी समय हम योग के माध्यम से अपने भीतर के सूर्य को जागृत करने का संकल्प लेते हैं। मैं स्व...

पृथ्वी पर प्लास्टिक का शिकंजा: तोड़ने की बारी हमारी

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- प्लास्टिक प्रदूषण को हराने की जंग में क्या हम तैयार हैं? - "प्लास्टिक को न कहें, प्रकृति को हाँ कहें!" - विश्व पर्यावरण दिवस 2025 पर विशेष  ( प्रवीण कक्कड़ ) पौधे लगाने, पानी बचाने और अन्य पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों के लिये हम काफी बातें करते हैं लेकिन क्या वाकई में हम अपने इस पृथ्वी को बचाना चाहते हैं। अगर आपका जवाब हां है तो हमें चिंतित होने की जरूरत है क्योंकि पर्यावरण संरक्षण को लेकर हमारे प्रयास नाकाफी हैं। पर्यावरण के लिए आज सबसे बड़ा खतरा बन चुका है प्लास्टिक प्रदूषण। 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस है। इस साल के विश्व पर्यावरण दिवस की थीम 'प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करना' है, जो इस गंभीर मुद्दे की अहमियत को दर्शाती है। प्लास्टिक बेशक हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा बन गया है, लेकिन अब यही प्लास्टिक हमारे अस्तित्व के लिए सबसे बड़ा ख़तरा बन गया है। अगर हमने समय रहते प्लास्टिक के ख़िलाफ़ कोई ठोस कदम नहीं उठाए, तो शायद बहुत देर हो जाएगी। प्लास्टिक प्रदूषण: एक साइलेंट किलर 1. प्लास्टिक क्यों है खतरनाक? - अपघटन में सैकड़ों साल: एक प्लास्टिक बैग को गलने में 450 से 1000...

पूरे जीवन की दिशा तय करती है आपकी सुबह

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ध्यान, व्यायाम और सकारात्मक विचारों से खुद को करें तैयार (प्रवीण कक्कड़) क्या आप जानते हैं कि आपकी सुबह की शुरुआत ही आपके पूरे दिन और अंततः आपके पूरे जीवन की दिशा तय करती है। हम में से ज़्यादातर लोग अपनी पूरी क्षमता से नहीं जी पाते, क्योंकि वे अपनी सुबह को यूँ ही गँवा देते हैं या बिना किसी उद्देश्य के इसकी शुरुआत करते हैं। यकीन मानिए, एक उद्देश्यपूर्ण सुबह की दिनचर्या अपनाकर कोई भी व्यक्ति अपने जीवन को अविश्वसनीय रूप से बदल सकता है, फिर चाहे वे पहले से जल्दी उठने वाले व्यक्ति न भी हों। अपनी सुबह को ऊर्जा और उद्देश्य दें। ध्यान, व्यायाम और सकारात्मक विचारों से खुद को तैयार करें। किताबें पढ़ें, अपने लक्ष्य लिखें, और खुद को उस बेहतर संस्करण के रूप में देखें जो आप बनना चाहते हैं। ये आदतें आपको सामान्य से उठाकर असाधारण जीवन की ओर ले जाएंगी। क्यों आपकी सुबह खास है? आपकी सुबह की शुरुआत ही आपके पूरे दिन और आपके पूरे जीवन की दिशा तय करती है। यह केवल एक आदत नहीं, बल्कि आपके जीवन को बदलने का एक शक्तिशाली तरीका है। जब आप अपनी सुबह को जानबूझकर और सकारात्मक रूप से शुरू करते हैं, तो आप अपने दिन को नि...

“छोटी आदतों” की प्रभावी शक्ति लाएगी “बड़ा बदलाव”

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जीत का मंत्र: आसान शुरूआत, लगातार प्रयास (प्रवीण कक्कड़) क्या आप भी अपने जीवन में बड़ा बदलाव चाहते हैं? तो यह लेख आपके लिये है। हमारे जीवन में बड़ा बदलाव अचानक नहीं आता, बल्कि यह हमारे छोटे-छोटे प्रयासों का नतीजा होता है। जी हाँ, एक दिन में किए गए बड़े बदलाव से कहीं ज़्यादा शक्तिशाली है हर दिन किया गया छोटा प्रयास। किसी पहाड़ की चोटी पर पहुंचना है तो एक-एक कदम बढ़ाना होगा। अपनी उन छोटी आदतों पर काम करें, जो आपको आपके बड़े लक्ष्य तक ले जाएंगी।  किसी भी लक्ष्य को हासिल करने के लिए महत्वपूर्ण है शुरूआत। अपनी शुरूआत को इतना आसान बनाएं कि ना कहने का म नही न करें। जैसे रोज किताब का एक पेज पढ़ना या महज 200 मीटर वॉकिंग। कई बार आपके घर का माहौल भी मैजिक की तरह काम करता है, जैसे किताबों को हमेशा सामने रखना और किचन से जंक फुड बाहर करके केवल हेल्दी खाना रखना। इसके साथ ही आपको निरंतरता के सिद्धांत पर अटल रहना होगा। जो भी काम शुरू करें उस पर लगे रहें। सिस्टम बनाएं, सिर्फ लक्ष्य नहीं सफलता का रास्ता बड़े-बड़े लक्ष्यों को तय करने से नहीं, बल्कि सही सिस्टम बनाने से होकर गुज़रता है। उदाहरण के लिए फि...