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जनवरी, 2024 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

शानदार व्यक्तित्व को सेवानिवृत्ति और जन्मदिन की बधाई

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देशभक्ति और जनसेवा के सिद्धांतों को चरितार्थ करते हुए एडिशनल पुलिस कमिश्नर श्री मनीष कपूरिया जी ने पुलिस सेवा में अपनी पारी पूरी की। उन्हें सेवानिवृत्ति पर हार्दिक बधाई। कल कपूरिया जी रिटायर हुए हैं और आज उनका जन्मदिन है। इस संयोग पर मुझे उनके साथ कार्य करने के अनुभव और उनकी प्रेरणाएं याद आ रही हैं। विजय नगर सीएसपी रहने के दौरान मैंने उनके अधीन काम किया। इस दौरान न केवल पुलिस सेवा बल्कि जीवन में भी बहुत कुछ सीखने को मिला। कपूरिया जी ऐसे अधिकारी रहे जो अपने सहकर्मियों की क्षमताओं का सही उपयोग करना जानते थे। मुझे पुलिस सेवा से वीआरएस लेकर जीवन में आगे बढ़ने की सलाह भी उन्हीं ने दी और उनके मार्गदर्शन को स्वीकार करते हुए मैंने 20 साल की पुलिस सेवा के बाद वीआरएस लिया। इसके बाद दिल्ली एवं भोपाल में महत्वपूर्ण प्रशासनिक पद संभाले।   कपूरिया जी एक जिंदादिल , कर्मठ और दूरदर्शी अधिकारी रहे। वे साहित्यप्रेमी , शायर और बैडमिंटन के शानदार खिलाड़ी भी हैं। उन्होंने विभिन्न पदों पर रहकर कई कीर्तिमान हासिल किए और पुलिस विभाग के साथ ही प्रदेश को भी गौरवान्वित किया। उन्हें सेवानिवृत्ति और जन्मदिन की ढे

गांधीजी के सिद्धांतों ने विश्व को दिया सत्य और अहिंसा का आधुनिक दर्शन

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(प्रवीण कक्कड़)  आज महात्मा गांधी की पुण्यतिथि है। गांधीजी दुनिया के ऐसे अनोखे राजनेता हैं, जिन्हें लोग नेता से बढ़कर संत के रूप में याद करते हैं। गांधी जी के सिद्धांतों ने विश्व को सत्य और अहिंसा का आधुनिक दर्शन दिया है। मार्टिन लूथर किंग जूनियर से लेकर बराक ओबामा तक उन्हें आदर्श मानते हैं, भारत ही नहीं पूरे विश्व में न केवल उनके विचारों की व्यापक स्वीकार्यता है, बल्कि उनके सिद्धांतों को प्रासंगिक मानकर उन पर चलने का प्रयास किया जा रहा है। जब भी महात्मा गांधी का नाम लिया जाता है तब सबसे पहले जहन में दो शब्द आते हैं वो हैं सत्य और अहिंसा। गांधी जी ने सत्य के प्रति अडिग रहकर अपना पूरा जीवन राष्ट्र को समर्पित कर दिया, उन्होंने अपने विचारों से न केवल भारत को आजादी दिलायी, बल्कि समाज में अनेक सुधार भी किए। इसी तरह गांधीजी के अहिंसा का आधुनिक दर्शन दिया। विश्व में पहले किसी विरोध का मतलब होता था हिंसक लड़ाई लेकिन महात्मा गांधी के अहिंसा दर्शन ने इस सोच को बदल दिया। इसी पर लोकतंत्र की नींव रखी गई और इस बात को साबित किया गया कि अब देश रूल ऑफ़ लाॅ से चलेगा न कि रूल ऑफ़ साॅर्ड से। यानी आधुनिक सरकार

श्रीराम: मनुष्य से देवत्व की यात्रा

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 अयोध्या में श्रीराम मंदिर के उद्घाटन पर विशेष   (प्रवीण कक्कड़)  आप सभी को श्रीराम मंदिर के उद्घाटन की ढ़ेर सारी शुभकामनाएं। वास्तव में श्रीराम ने अपने जीवन में मनुष्य से देवत्व तक की यात्रा को न केवल तय किया है, बल्कि चरित्र के सर्वश्रेष्ठ स्तर को हासिल करने का उदाहरण भी प्रस्तुत किया है। उन्होंने हर स्थिति और व्यक्ति के साथ संबंध निभाकर जीवन का प्रबंधन समझाया है और समाज के अंतिम तबके को अपने साथ जोड़कर समाजवाद को भी परिभाषित किया है।  चलिए चर्चा करते हैं त्रेतायुग में अयोध्या में जन्में श्रीराम के मनुष्य से देवत्व को हासिल करने की यात्रा पर। बालपन में ही अपने छोटे भाईयों के प्रति स्नेह हो या गुरू के आश्रम पहुंचकर शिक्षा ग्रहण करना, बात माता-पिता की आज्ञा पालन की हो या सखाओं से मित्रता निभाने की, उन्होंने हमेशा ही अपने कर्मों से मर्यादा को प्रस्तुत किया और देवत्व की ओर यात्रा पर बढ़ चले। जब गुरूकुल से शिक्षा-दीक्षा पूरी कर श्रीराम अयोध्या वापस लौटे तो वहां ऋषि विश्वामित्र का आगमन हुआ। उन्होंने राजा दशरथ से कहा कि मुझे राम को अपने साथ ले जाना है इस पर राजा चिंतित हो गए और कहने लगे कि आप म

उत्तरायण : हर परिवर्तन नए लक्ष्य के रास्ते खोलता है

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 (प्रवीण कक्कड़)  सूर्य के दक्षिण दिशा से उत्तर दिशा की ओर परिवर्तन को मकर संक्रांति के रूप में मनाया जाता है। सूर्य का उत्तरायण होना हमें यह सीख देता है कि परिवर्तन ही प्रकृति का सबसे बड़ा नियम है और हमें स्वयं में परिवर्तन के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। हर परिवर्तन नए लक्ष्य के रास्ते खोलता है। संक्रांति का सीधा संबंध सूर्य से है सूर्य यानी उजास रोशनी सकारात्मक और ऊंचाई। संक्रांति पर्व हमें सिखाता है कि हमारे लक्ष्य किस तरह उंचे और बड़े होना चाहिए। जिससे इन्हें हासिल करने के लिए हम मजबूत इरादों के साथ आगे बढ़ सकें। सूर्यदेव की अराधना, तिल-गुड़ खाने और पतंग उड़ाने के साथ ही मकर संक्रांति पर्व कई संदेश देता है, हमें परिवर्तन और प्रबंधन की कला सिखाता है। संक्रांति यानी सूर्य का उत्तरायण। जो हमें जीवन में सकारात्मकता लाने और प्रकाश की ओर बढ़ने का संकेत देता है। मान्यताओं के अनुसार इसी दिन से शुभ कार्यों की शुरुआत की जाती है।  तिल-गुड़ के संगम से संगठन की क्षमता, लोहड़ी की अग्नि में क्रोध और ईर्ष्या को जलाना और पतंगबाजी से जीवन में उल्लास लाने व खुशियां बांटने के संदेश मिलते हैं। सूर्य के धनु राशि

नवीनता और उत्साह का प्रतीक है नया वर्ष

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 - नव संकल्प को पूरा करेगा नववर्ष   (प्रवीण कक्कड़)  नव गति, नव लय, ताल-छंद नव नवल कंठ, नव जलद-मन्द्ररव; नव नभ के नव विहग-वृंद को नव पर, नव स्वर दे! वर दे, वीणावादिनि वर दे। कुछ लोग कहते हैं कि नए साल में केवल कैलेंडर बदलता है बाकी सब कुछ पुराना ही रहता है. लेकिन यह कथन सही नहीं है. नया नया ही होता है. पुरानी यादों से विदा लेने के लिए और नई योजनाओं पर काम करने के लिए नया साल एक शुभ अवसर है. वर्ष 2023 इतिहास के पटल पर एक क्रांतिकारी वर्ष के रूप में दर्ज हो चुका है. प्रदेश से लेकर देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर घटे घटनाक्रम ने इस वर्ष को एक अलग ही पहचान दी है. इसलिए विदा होता हुआ यह वर्ष जितना महत्वपूर्ण है, उतना ही आने वाला वर्ष भी. आने वाले वर्ष में भी दुनिया के पटल पर कई महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम होने वाले हैं. बदलाव के कई पड़ाव आने वाले वर्ष को तय करने हैं. लेकिन यह तो भविष्य के गर्भ में है. किंतु आध्यात्मिक दृष्टि से और मनोवैज्ञानिक दृष्टि से भी नए वर्ष को समझने की जरूरत है. खासकर भारत जैसे देश में जहां साल में पांच बार नया वर्ष मनाया जाता है वहां इसके पीछे छिपी आध्यात्मिक चेतना और