नवीनता और उत्साह का प्रतीक है नया वर्ष


 - नव संकल्प को पूरा करेगा नववर्ष 

 (प्रवीण कक्कड़) 

नव गति, नव लय, ताल-छंद नव

नवल कंठ, नव जलद-मन्द्ररव;

नव नभ के नव विहग-वृंद को

नव पर, नव स्वर दे!

वर दे, वीणावादिनि वर दे।


कुछ लोग कहते हैं कि नए साल में केवल कैलेंडर बदलता है बाकी सब कुछ पुराना ही रहता है. लेकिन यह कथन सही नहीं है. नया नया ही होता है. पुरानी यादों से विदा लेने के लिए और नई योजनाओं पर काम करने के लिए नया साल एक शुभ अवसर है.

वर्ष 2023 इतिहास के पटल पर एक क्रांतिकारी वर्ष के रूप में दर्ज हो चुका है. प्रदेश से लेकर देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर घटे घटनाक्रम ने इस वर्ष को एक अलग ही पहचान दी है. इसलिए विदा होता हुआ यह वर्ष जितना महत्वपूर्ण है, उतना ही आने वाला वर्ष भी. आने वाले वर्ष में भी दुनिया के पटल पर कई महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम होने वाले हैं. बदलाव के कई पड़ाव आने वाले वर्ष को तय करने हैं. लेकिन यह तो भविष्य के गर्भ में है.

किंतु आध्यात्मिक दृष्टि से और मनोवैज्ञानिक दृष्टि से भी नए वर्ष को समझने की जरूरत है. खासकर भारत जैसे देश में जहां साल में पांच बार नया वर्ष मनाया जाता है वहां इसके पीछे छिपी आध्यात्मिक चेतना और परंपराओं को जानना जरूरी है. 1 जनवरी को जो कैलेंडर बदलने वाला है वह ग्रेगोरियन कैलेंडर है. जो जूलियस सीजर ने ईसा मसीह के आने से भी 45 वर्ष पूर्व ईजाद किया था. इस कैलेंडर की वैज्ञानिकता और सटीकता पर कई बार सवाल उठे, लेकिन दुनिया के अधिकांश देशों में इसे मान्यता मिली हुई है. भारत में भी सरकारी रूप से यही कैलेंडर मान्य है और इसी कैलेंडर के हिसाब से सरकारी कामकाज की तिथियां तय की जाती हैं. भारत भूमि पर ही 19 अगस्त को पारसी नव वर्ष मनाया जाता है. पर्शियन कैलेंडर में इस दिन नया वर्ष शुरू होता है. अप्रैल में बैसाखी के दिन पंजाबी नववर्ष मनाया जाता है. हिंदू नव वर्ष चैत्र मास की प्रथम तिथि को मनाया जाता है. इसे नव संवत्सर भी कहते हैं. ऐसा माना जाता है कि भगवान ब्रह्मा ने इसी दिन सृष्टि का निर्माण किया था. दीपावली के अगले दिन जैन नव वर्ष शुरू होता है.

यह भारत भूमि है, जिस पर वर्ष में पांच-पांच बार नए वर्ष का आगमन होता है. परंपरा चाहे कोई भी हो, लेकिन संदेश वही है कि जीवन नवीनता का पर्यायवाची है. जीवन में जितनी नवीनता होगी, जितना परिवर्तन होगा जीवन उतना ही उत्कृष्ट और फलदाई होगा. ठहराव, यथास्थिति और पुरातन पंथ जीवन को नष्ट करते हैं.

इसीलिए नया वर्ष है. यह जीवन के एक नए दिन का आगमन है. यह पूरे 12 महीने का संकल्प है. यदि जीवन संवारना है तो एक-एक वर्ष को और एक-एक पल को संजो लीजिए. आपका यह संचय ही आपके जीवन को सही उद्देश्य प्रदान करेगा. बहुत से लोग नए वर्ष में कुछ संकल्प लेते हैं. संकल्पों की अपनी तासीर होती है. लेकिन राष्ट्र, समाज और परिवार के लिए जो संकल्प लिए जाएं वह जीवन को सही उद्देश्य और दिशा प्रदान करते हैं. वर्ष 2024 में एक संकल्प लें. एक लक्ष्य बनाएं, एक मार्ग तय करें और उसे पर चलें. कुछ त्यागें और कुछ पाने के लिए प्रयास करें. तभी नए वर्ष की सार्थकता होगी. नया वर्ष मंगलमय हो.

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