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कब होगा "लापरवाही" का विसर्जन

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उत्सव की लहरें बन रहीं मातम का सैलाब त्योहारों पर हादसों के लिए कौन है जिम्मेदार (प्रवीण कक्कड़) भारत पर्वों और उत्सवों का देश है। यहाँ हर त्योहार जीवन के उल्लास, उमंग और आस्था का प्रतीक है। लेकिन यदि ये उत्सव की लहरें मातम का सैलाब बन जाएँ तो समाज को ठहर कर सोचने की ज़रूरत है। मध्य प्रदेश की कुछ हालिया घटनाएँ सिर्फ आँकड़े नहीं, बल्कि एक गंभीर चेतावनी हैं। हमारे लिए सबसे जरूरी बिंदु अब यह है कि सब मिलकर यह विचार करें कि इस "लापरवाही" का विसर्जन कब होगा। खंडवा के पंधाना क्षेत्र में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के लिए तालाब में उतरती एक ट्रैक्टर-ट्रॉली हादसे का कारण बनी। इस घटना में 11 जिंदगियाँ डूब गईं, जिनमें अधिकांश मासूम बच्चियाँ थीं, जिनकी खुशियाँ हमेशा के लिए खामोश हो गईं। उज्जैन के इंगोरिया क्षेत्र में विसर्जन के दौरान एक ट्रॉली चंबल नदी में समा गई। इस हादसे में तीन बच्चों की मृत्यु हुई। कटनी में दशहरे के दिन एक तालाब में दो सगे भाइयों (8 और 10 वर्ष) की मौत हो गई। नहाने की खुशी उनके लिए अंतिम सफर बन गई। इसी तरह बैतूल के मुलताई में भी विसर्जन के दौरान एक हादसा हुआ, जिसमें एक बच...